सहारा भुगतान क्यों नहीं कर रही है||सहारा इंडिया भुगतान कब देगा || सहारा भुगतान कब करेगा ||  सहारा भुगतान संकट भारत ||

सहारा भुगतान क्यों नहीं कर रही है||सहारा इंडिया भुगतान कब देगा || सहारा भुगतान कब करेगा || सहारा भुगतान संकट भारत ||

सहारा भुगतान क्यों नहीं कर रही है||सहारा इंडिया भुगतान कब देगा || सहारा भुगतान कब करेगा ||  सहारा भुगतान संकट भारत ||

सहारा इंडिया पिछले २-३ सालो  से लोगो को पेमेन्ट देने में आनाकानी कर रही है।   लोग को पेमेंट नहीं मिल पा रहा है। जो सहारा एजेंट्स  घड़ों में जेक पेमेंट्स लेते वक़्त बोलते थे की में हूँ न कुछ भी नहीं होगा। आज वो लोग मुँह छिपा के भागते है या यह कहते है की कंपनी नहीं दे रही है है तो हम क्या करें। 

 में आपको डिटेल्स में जानकारी दे रहा हूँ।२०१२ में सहारा इंडिया ने २४००० करोड़ रुपये सेबी को दिए थे ,सुप्रीम  आदेश के बाद। सेबी ने ये पैसे जमाकर्ताओं को लौटाने के  लिए लिये थे। पिछले ९ सालो में सेबी ने सिर्फ ने सिर्फ १६९ करोड़ रुपयों का भुगतान किया है।सहारा को लेके सुप्रीम  पिछले ९ सालो से चलता आ रहा है। और ये कब खत्म होगा इसकी जानकारी किसी  को नहीं है।  

 सहारा की जोडिस्प्यूट सेबी के साथ चल रही है ,वो उसकी दो कंपनियों के  बारे में है जो है :-SAHARA INDIA REAL STATE CORPORATION LIMITED & SAHARA HOUSING INVESTMENT CORPORATION LIMITED  के बारे  में है।  इन दोनों कंपनी के प्रमोटर्स को ये आदेश  था की वो 30 NOV 2021 तक 25781.37 CRORE जमा करे ताकि डेपोसिटर्स का भुगतान  हो सके , लेकिन उसके अगेंस्ट में सहारा ने सिर्फ 15485(AAPROX) ही जमा करवये है। दूसरी तरफ आज-कल SAHARA के कार्यकर्ता और उनके  जगह-जगह धरना दे रहे है और ये और ये मांग कर रहे है की सेबी उनका पैसा वापस करे ताकि जमाकर्ताओं का भुगतान हो सके।

डेपोसिटर्स परेशान है , किसी की लड़की की शादी रुकी हुई है ,या कोई बीमार है  इलाज नहीं करवा  पा रहा है। 

लोगो का काम रुका पारा है ,भुगतान नहीं होने  के कारन। लोगो को  समझ नहीं आ रहा है क्या करें। इंडिया के सभी राज्यों में ये परेशानी  चल रही है , लेकिन केंद्र सरकारं इस पर कोई एक्शन नहीं ले रही है।जबकि केंद्र और राज्य सरकार के पास सैकड़ो की संख्या में डेली किसी न किसी माध्यम से कम्प्लेन जा रहे हैं। 

 

सहारा भुगतान क्यों नहीं कर रही है||सहारा इंडिया भुगतान कब देगा || सहारा भुगतान कब करेगा ||  सहारा भुगतान संकट भारत ||

 

 

 

कई राज्यों के विधान सभा में भी इसको लेकर बहस हो चुकी है , लेकिन राज्य सरकारों का कहना है की सहारा इंडिया राज्य सरकार  अन्तर्गत नहीं आता।ये सेबी का मामला है। लेकिन ज्यादातर जो अमाउंट डिपाजिट है लोगो की वो किसी भी तरह से आर बी आई या सेबी के अंडर नहीं आता है। में आपको उदाहरन दे रहा हूँ , जैसे जिनके भी पैसे SAHARA INDIA CREDIT SOCIETY LIMITED ME DEPOSIT है वो किसी भी प्रकार से सेबी के अंदर नहीं आता है। लेकिन प्रसन ये उठता है की सहारा ने बहुत साडी कंपनी का फार्मेशन कैसे किया ,और क्या ये सरकार के नज़र में नहीं था क्या ?

SAHARA INDIA CREDIT CORPORATION SOCIETY LIMITED ये मिनिस्टर ऑफ़ एग्रीकल्चर के अंडर आता है।  और इसमें डिपाजिट के गए राशि के लिए भारत सरकार जिम्मेदार नहीं है। मेरा प्रसन है जिसभी डिपार्टमेंट के अंदर सहरा की ये कंपनी खुली है उसको इसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं ? इसके सन्दर्भ में भारत सरकार का एक पोर्टल है CPGRAMS  उनका एक रिप्लाई(हिंदी रूपांतरण) आपके साथ शेयर कर रहा हूँ। 

"यह सूचित किया जाता है कि बहु राज्य सहकारी समिति (एमएससीएस) अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत कोई भी बहु राज्य सहकारी समिति अपने सदस्यों के प्रति जवाबदेह स्वायत्त सहकारी संगठनों के रूप में कार्य करती है। बहु-राज्य सहकारी समिति एमएससीएस अधिनियम, 2002, एमएससीएस नियम, 2002 और उप-नियमों के प्रावधानों के अनुसार कार्य करती है जिसमें सदस्यों की भूमिकाएं और शक्तियां, समाज के सामान्य निकाय और सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को परिभाषित किया गया है। कार्य। एमएससीएस अधिनियम, 2002 की धारा 49 के प्रावधानों के अनुसार, व्यवसाय के मामले जैसे कि सदस्यों को स्वीकार करना, जमा स्वीकार करना और समान निवेश करना, सोसायटी के बोर्ड की शक्तियों और कार्यों के तहत और दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन के अंतर्गत आता है। समाज का व्यवसाय एमएससीएस अधिनियम, 2002 की धारा 52 के प्रावधानों के अनुसार समाज के मुख्य कार्यकारी की शक्तियों और कार्यों के अधीन है। इसलिए, भारत सरकार जमा की चुकौती करने में कोई गारंटी प्रदान नहीं करती है। सदस्यों के लिए क्योंकि MSCS अधिनियम, 2002 और उसके तहत बनाए गए नियमों में कोई उपाय उपलब्ध नहीं है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि सदस्य अपने उचित कामकाज और व्यवहार्यता के आधार पर समाज में अपनी धनराशि जमा करते समय योग्यता के आधार पर निर्णय लें। आप देश के प्रचलित कानून के अनुसार समाज के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकते हैं। "




जब ये कम्पनिया फॉर्म हुई  , तब ये किसी न किसी एक्ट के अधीन ही फॉर्म हुई होगी। फिर क्यों कोई भी सरकार इसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रही है। सहारा कोई छोटी चीज़  नहीं थी , और ज्यादातर फिल्म इंडस्ट्री या पॉलिटिशियन सब लोग इससे पहले जुड़े हुए थे। उनको  इन सब चीजों  जानकारी जरूर होगी। लेकिन यहाँ बात आम जनता का है , इस लिए सब चुप बैठे है। 

अगर सरकार चाहे तो सभी लोगो का पैसा मिल सकता है। सहारा के पास अभी भी इतनी सम्पति है देश और विदेश में की उसको  बेच के सभी लोगो का पेमेंट हो जायेगा। 

सहारा का जो केस सुप्रीम कोर्ट  रहा है उसको  लगभग ९-१० साल हो गए और सहारा प्रमुख पिछले कुछ सालो से पेरोल पे बहार है। आखिर कैसे ?

सरकार को इस पे कुछ ठोस डिसिशन लेना चाहिए ताकि जनता और परेसान न हो। 


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